Fascination About hindi kahani
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हिंदी कहानियां प्रेरणादायक
अपने होठ चाट रहा था. उसके भोजन की घड़ियाँ बीत रही थी, कुछ ही देर में कोई पशु नही आया तो वह शिकार को चल पड़ेगा.
सेठ ने जमीदार को लड़के के स्वप्न और निकाले जाने की बात बता दी. इस पर जमीदार ने लड़के को बुलाकर कहा- ऐ लड़के या तो तू अपने स्वप्न की बात बता दे अन्यथा आज मैं तुझे अपने यहाँ काम से निकाल दूंगा.
एक शाम, बहुत बड़ा तूफान आया, जिसमें भारी बारिश हुई। तूफान ने कई पौधों को नष्ट कर दिया।
इसलिए आपस में लड़ने झगड़ने और मनुष्य जन्म के मूल्यवान समय को व्यर्थ करने की अपेक्षा जीचन को अच्छे कर्मों और नाम सुमिरण में लगाओं ताकि तुम्हारा लोक परलोक संवर जाएगा.
यह सुनकर उस धनी युवक की आँखों से प्रेम की धारा बह पड़ी, और बेटी को गले लगा दिया. तभी वह मन ही मन सोचने लगा,
सारी स्थति स्पष्ट थी. प्रजापति ने कहा- देवता ही श्रेष्ट हैं जानते हो क्यों ?
इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.
५० स्वर्ण मुद्राओं की बात सुनकर मूर्तिकार ख़ुश हो गया और महामंत्री के जाने के उपरांत प्रतिमा का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने औज़ार निकाल लिए.
इसी उद्देश्य से उन्होंने द्वारपालों को बिना उनके आने की सूचना दिए सीधे अपनी पत्नी के सामने जाकर हाजिर हुआ,
एक कहता यह भूमि मेरी हैं और मैं इसका स्वामी हूँ, जबकि दूसरा उस भूमि को अपना बतला रहा था.
उसने कहा सारा का सारा रेवड़ दे तो छोड़ दू. ” गडरिये ने कहा- लेनी हो तो एक भेड़ लेले, मै तो नौकर हु.
एक दिन, एक मछुआरा तालाब के पास आया और मछली को देखकर प्रसन्न हुआ। उसने जाल डालने और उन्हें पकड़ने की योजना बनाई।
महात्मा जी ने लोहा गर्म देखकर चोट की और उन्हें समझाते हुए कहा- तनिक विचार करो कि जिस भूमि के लिए तुम लोग आपस में लड़ रहे हो,
शिक्षा; साहस जो करता हैं, जग में होता हैं उसका नाम.